Tuesday, 22 September 2020

Be STRONG to defeat CORONA VIRUS

AYURVEDIC WISDOM

RAISES YOUR IMMUNITY---- COVID 19--CORONA

Most scaring health ISSUE Nowadays---- Worldwide. 

Haldi (Turmeric powder)contains CURCUMIN

Tulsi (ocimum sanctum) also known as VISHNUPRIYA

Black Pepper (piper nigrum) 

Giloy (tinospora cordifolia-Tinospora Gulancha)

Shunthi ( zingiber officinale)

Dalchini stem bark (Cinnamomun zeylancum)

These Ingredients Raise Your  BASIC PHAGOCYTIC COEFFICIENT  or Body Immunity and make it strong enough to fight the Corona Virus affecting the body.

Guduchi(Tinospora cordifolia) -ACTIVATE and ENHANCES W.B.C. activity(the defense force of body)-- making body resistant against Infections. 

It acts as a Immunomodulator. 

Little less than Half teaspoon of HALDI powder,

ADD -4 leaves of Tulsi and 5 pieces of black pepper,

ADD-one pinch of SHUNTHI powder

ADD-one pinch of DALCHINI powder

boil these with about 5 inches of a branch (shaft) of Giloy plant after crushing it,(giloy powder is freely available in Ayurvedic Medical Store as sat -giloy or Amrita Satva)

added with a cup of water, cooled naturally, before drinking it twice daily. 

In my Clinical Practice, it has proved to be a perfect immunity booster-Platelet count Enhancer- home remedy for viral infections affecting respiratory tract-- sneezing-cough-fever-malaise-body ache.

Myself doing this for 6 months now--after the Pandemic strike in March 2020 

Saturday, 6 October 2018

DIABETES Can be MANAGED by MINDSET ---try this

 THIS IS A CONVERSATION TYPE OF POST between few Doctors - NON Doctor friends.---------

I SHALL ADD in this post---- from time to time.

message is LOUD & CLEAR



Is it possible to cut down carbohydrates totally from the diet?? 

 Yes it is. You will be surprised to know that the carbohydrate requirement of human beings after infancy is zero. Yes, zero! There are essential amino acids and essential fatty acids, but there are no essential carbohydrates! The body is perfectly capable of manufacturing whatever glucose substrates it needs..  

The amount of sugar needed to maintain a normal blood sugar is just about one teaspoon in a day, that too not necessarily coming from ingested sugar. Anything more than that is a huge burden for your pancreas. No wonder it wears out... 

Absolutely true ..after trying for long I stopped eating rice,roti or any high carbohydrates
and I can feel the change..thank you for highlighting the carb based Indian diet.

 Well done.. Your body will thank you for it! 

 i think diet is the most important thing for a healthy life,and thank you for the inspiration..

 TRUE. No amount of exercise or medicine can make up for a wrong kind of eating. 

Yes it is possible to eat carbs only occassionaly.

Carb loading before strenous exercise is a myth.

Adding additional sugar in preparation is unnecessary



Replace one meal with salad and fruit

for HUNGER Pangs ---eat fist full of roasted grams and puffed rice.

एक मुट्ठी --मुरमुरा और भुना हुआ चना 

 Yes, carbohydrates loading is a very bad idea, even for athletes. It's just not needed. 
Ketones make much better fuel, which your body is perfectly capable of making. But I would go easy on the fruits.. they are just sugar balls 😬, the exceptions being coconut and avocado. 

Friday, 22 December 2017

Carrot is GOOD---गाजर के गुण

गाजर सर्दियों के मौसम में मिलने वाली सब्जी है। गाजर खाने के कई फायदे होते है। इसे खाने से शरीर में मौजूद गंदगी भी साफ हो जाती है वहीं इसके नियमित सेवन से आंखे, बाल आदि स्वस्थ्य रहता है। आइए जानते है इसके अनेक फायदे
1. बाल झड़ना होता है कम: गाजर में फॉस्फोरस एसिड मिलता है जिससे  बाल झड़ना होता है कम हो जाता है।
2. गाजर में विटामिन ‘ए’ अधिक मात्रा में पाया जाता है. इसलिए अगर गाजर का नियमित रूप से सेवन किया जाए तो आंखों की रोशनी बढ़ सकती है।
 
3. गाजर का जूस पीने से शरीर में हिमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ जाती हैं, और गाजर में अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता हैं जो शरीर की पाचनशक्ति को बढ़ाता हैं।
 
4. गाजर में कैरोटीनायड होता है, जो हृदय रोगियों के लिए अच्छा होता है। यह माना जाता है कि गाजर का प्रतिदिन सेवन कालेस्ट्राल के स्तर को कम करता है।
5. गाज़र खाने से, पेट और फेफड़ों के कैंसर का जोखिम कम होता है।

Keep the Blood Good

खून में थक्का जमना यानी बल्ड क्लॉट होना हार्टअटैक जैसी जानलेवा बीमारी होने का कारण है। जब नसों में कॉलेस्ट्रोल जम जाता है तो ब्लड कॉल्ट होने लगता है। इसका कारण हफ्तर में लगातार बैठकर काम करना, बुढ़ापा, मोटापा, असंतुलित खानपान, धूम्रपान की लत, वैरिकॉज वेन्स आदि होता है। एक नए शोध के अनुसार जो लोग लगातार 10 घंटे तक काम करते हैं और इस दौरान कोई विराम नहीं लेते तो उनमें खून के थक्के जमने का खतरा दोगुना हो जाता है। इससे बचाव के लिए आप कुछ टिप्स अपना सकते है। 
1. काली चाय यानी ब्लैक टी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि काली चाय खून को गाढ़ा बनने से रोकती है जिस वजह से धमनियों में खून का थक्का जमने से रूकता है। यह नसों में खून के प्रभाव को सरल बनाती है जिस वजह से ब्लडप्रेशर भी नियंत्रित रहता है।
2. अगर आप रोजाना एक सेब या संतरा खाते हैं तो भी आपको खून के थक्के जमने की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
3. नियमित रूप से व्यायाम करें। 
4. वजन को नियंत्रित करें।
5. फल, सब्जियों और अनाज का सेवन अधिक और नमक और फैट का सेवन कम करें।
6. धूम्रपान छोड़े और कम मात्रा में शराब का सेवन करें।
7. ब्‍लड प्रेशर की नियमित जांच करवाएं।
This is Really Beneficial as per My Clinical experience.
Benefits of Digestion -Relief in Constipation as Narrated by Many Patients.

Friday, 13 November 2015

DO NOT FEAR DENGU---डेंगू से बचाव के गुर

नमस्कार
पिछले कुछ हफ़्तों से डेंगू बुखार ने उत्तर भारत में पांव पसार कर एक प्रकार का
खौफ पैदा कर दिया --और हमारे अच्छे वाले मित्रों ने डरा डरा कर व्यापार कर लिया।

आज में भैया दूज के शुभ दिन ---आपको सुरक्षित इस बुखार से लड़ने के तरीके बताना चाहता हूँ।

१--बुखार होने पर किसी डिग्रीधारी चिकित्सक को ही मिलें
२--अपने आप  "एंटीबायोटिक" दवा बिलकुल नहीं खाएं
३--बुखार-बदन दर्द होने पर केवल "पेरासिटामोल"(PARACETAMOL) नमक दवा ही भरे पेट पर खा सकते हैं
४ --अपने शरीर में पानी की कमी से बचने के लिए -एक दिन में कम से कम १०-११ गिलास पानी --३ गिलास      दूध और ताज़ा मौसमी का जूस २-३ गिलास ज़रूर पियें।
५--सादा बिना मसाले का शाकाहारी भोजन --भूख न लगने पर भी -थोड़ा थोड़ा खाते रहें।
६-- घर के अंदर आराम करें और काम पर न जाएँ
७--डेंगू के लिए कोई भी वैक्सीन या दवा अभी तक ईजाद नहीं हुई है
     किसी के बहकावे में न आएं।
८--ये कष्ट एक हफ्ते में उपरोक्त उपाय करने से स्वयं दूर हो जाता है /

ये सलाह मेरे अपने क्लीनिक में लगभग ७०-८० मरीज़ों पर स्वयं अनुभव के आधार पर लिख रहा हूँ
मुझे ३-४ लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की सलाह देनी पड़ी --ये वह थे जो एक दिन में ३ गिलास
पानी भी नहीं पी रहे थे
पपीते के पत्तों का रस --अब कैरिपिल् CARIPILL Tablets गोली के रूप में भी मिलता है।
Used Extensively-by Myself in my Clinic--NOW FOR Over 4 years,Till today -December 1st -2017
with Perfect Positive Results--Improving Platlet counts quickly
इससे लाभ होता है। 

Saturday, 2 March 2013

मसालेदानी--वैद्य या डाक्टर

हमारा आहार ही औषधि है
भोजन में मसाले वही स्थान रखते हैं जो आभूषण में हीरे का है।मसालों के बिना, सब्जी और दाल, स्वादहीन और फीकी होती है।
भारतीय सभ्यता में मसालों का ज्ञान हजारों साल से है -हमारी रसोई की मसालेदानी हमारे घर का
वैद्य या डाक्टर ही है।
इसी कारण से विदेशी हमारे यहाँ मसालों की खोज में,आते रहे हैं।
संसार भर के मसाले यहाँ से जाते थे।
चार सौ वर्ष से अधिक समय से केरल प्रदेश ही मसालों की अंतर्राष्ट्रीय मंडी थी।
काली मिर्च - Black Pepper
काली मिर्च विश्व भर में प्रसिद्ध है -इसे ही मसालों का राजा कहते हैं -खुशबू और स्वाद के अतिरिक्त इसमें अनेक औषधीय गुण होते हैं।
कब्ज़, दस्त, अपच, किसी कीड़े का दंश -दन्त क्षय -दर्द में भीं लाभदायक होती है।
काली मिर्च से आंत्रिक पाचक रसों(एंजाइम) का स्राव सुधर कर ठीक हो जाता है।
इसके प्रभाव से पाचन क्रिया के दौरान मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया का विनाश -आंत में ही हो जाता है।
हल्दी--Turmeric
ये एक पीले रंग का मसाला है जिससे हम सब परिचित हैं -मधु(शहद) और दूध के साथ लेने से -सर्दी जुकाम का नाश करता है -एंटी ओक्सिडेंट के तौर पर शरीर को मज़बूत करता है।
शोथ-हर होने से सूजन कम करती है,शरीर की वसा-Cholesterol को नियंत्रित करती है।
पेट के कीड़ों का नाश करती है।
घाव पर लेप करने से शीघ्र घाव को भर देती है।
शरीर की अंदरूनी गांठ(ग्रंथि) के लिए लाभकर है।
इसका चन्दन के साथ मिश्रण बनाकर चेहरे पर लगाने से रंग गोरा करती है। हिन्दू संस्कृति में विवाह संस्कार से पहले एक रस्म में इसे प्रयोग करने की प्रथा का वैज्ञानिक कारण ये ही है।
पेट के कीड़े मारने के लिए भी उपयुक्त है।
हल्दी का दर्दनाशक प्रभाव भी होता है और आयुर्वेद के इतिहास में वर्णन है कि आचार्य सुश्रुत -शल्य क्रिया (सर्जरी ) के बाद ,घाव भरने के लिए हल्दी के साथ सरसों का मिश्रण (पेस्ट) प्रयोग करते थे।
तनाव कम करने के लिए ब्लैक -टी के साथ हल्दी लेने का प्रचलन भी है।
मेथी ---Fenugreek
भूख बढ़ाने के लिए ,खांसी के लिए -
बुखार खासी गला ख़राब उल्टी मासिक-धर्म में होने वाला पेट दर्द,
Swafford university में एक शोध किया गया जिसका निष्कर्ष निकला क़ि प्रसूताओं की खुराक में मेथी शामिल करने से बच्चे के लिए दूध अधिक बनता है - lactation बढ़ता है।
लोंग ---Clove
दांत के दर्द में हमेशा से दर्दनाशक -संज्ञाहर(स्थानीय रूप से सुन्न करना) के रूप में प्रयोग होता रहा है -इसके भोजन में प्रयोग से यह (कृमिहर) पेट के कीड़ों को निकालता है -विभिन्न प्रकार के फफूंद से होने वाले कष्ट में एंटी fungal के रूप में शरीर की रक्षा करता है -अनेक लोग घर में लोंग का तेल रखते हैं।
भोजन में लोंग का प्रयोग खुशबू और स्वाद के लिए हमेशा से होता है।
दालचीनी---Cinnamon
ये मधुमेह(डायबिटीज) का इलाज है -इसके नियमित प्रयोग से शरीर में रक्त की शर्करा नियंत्रित रहती है।
यूरोप में स्वीडन के कोपेनहेगेन विश्वविद्यालय में हुए शोध में इसको वात-दर्द नाशक के रूप में देखा गया।
शहद के साथ दालचीनी का चूर्ण नियमित नाश्ते में लेने से एक महीने बाद अनेक लोगों ने जोड़ों के दर्द में
कमी महसूस की है।
कब्ज़-(Constipation) को दूर करने में लाभकर है।
अमेरिका के केंसास विश्वविदयालय में इ-कोलाई (E-Coli)नामक बैक्टीरिया पर शोध किया गया और दालचीनी को उस का नाश करते हुए पाया गया।
एक अन्य शोध में इसमें आवश्यक लाभकारी खनिज मैंगनीज-लोहा-कैल्शियम -फाइबर पाए गए जो कि दिमाग का टॉनिक हैं और याददाश्त पर अच्छा असर करते हैं।
इलाइची -----Cardamom
काली मिर्च अगर राजा है तो इलाइची मसालों की रानी है
इसमें एक अलग तरह की खुशबू होती है जो मुंह में ही पाचक रसों का स्राव उत्तेजित कर के
भोजन के पाचन में सहायता करती है।
पेट में पाचन करने में ज़रूरी एंजाइम पैदा करती है
आयुर्वेद में अवसाद (डिप्रेशन) में मुख्य रूप से प्रयोग की जाती है।
सरदर्द और लू लगने में प्रयोग की जाती है।
उलटी में इसका प्रयोग एक आम बात है।
गायक लोग अपनी आवाज़ को सुधारने के लिए इसका प्रयोग करते हैं।
लालमिर्च ---Red Chilli
इसमें कैरोटीन --विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है
यह भूख बढाने में और रक्त संचार में वृध्धि करने में सहायक होती है।
नेपाल के शेरपा अपने भोजन में लाल मिर्च कुछ अधिक खाते हैं जिससे उनका शरीर गरम रहे और एवेरेस्ट पर्वत
की चढ़ाई में उनको आसानी हो।
कैंसर -ह्रदय रोग -सर्दी जुकाम -शोथ -दर्द में रोकथाम करती है।
2008 में अमेरिकन कैंसर सोसाइटी ने, अपनी वेबसाइट पर बताया कि लाल मिर्च, पौरुष -ग्रंथि के कैंसर में रोकथाम करती है।
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में अत्यंत गुणकारी है।
ये स्वाद और हज़म करने में लाभ करती है---
केवल सावधानी से इसकी उचित मात्रा ही आहार में शामिल करनी चाहिए।
अधिक मात्रा में खाने से अम्ल अधिक बनेगा और एसिडिटी पैदा करेगा।
लहसुन --GARLIC
आयुर्वेद में लहसुन को वात - नाशक औषधि के रूप में वर्णित किया गया है।
संसार भर में ये भोजन बनाने में प्रयोग होता है --स्पेन और चीन में रसोइये इसे पसंद करते हैं।
हमारे देश में भी सामिष भोजन में इसका होना आवश्यक है।
इसकी गंध के कारण कुछ लोग इसे नापसंद भी करते हैं।
द्वितीय विश्वयुद्ध में इसका प्रयोग सैनिकों की चोटों में संक्रमण रोकने के लिए सफलतापूर्वक किया गया था।
रूस में 1963 में इसका प्रयोग फ्लू की महामारी को रोकने में किया गया।
रक्तचाप को नियंत्रित रखने और ह्रदय रोग में लहसुन के प्रभाव की वैज्ञानिक पुष्टि हो चुकी है।
रक्त में लाभकर वसा (High Density lipoprotien) को बढाने में और हानिकर वसा(LDL) को कम करने में यह अत्यंत गुणकारी है।
चीन में हुए एक अध्ययन के अनुसार यह भी कैंसर-रोधी गुण रखती है।
अदरक --GINGER
प्राचीन काल से गले का संक्रमण और ठण्ड का प्रभाव रोकने में उपयोग होता है।
हमारे देश में चाय में उबाल कर पीने का प्रचलन है। इससे थकन -तनाव -सरदर्द दूर हो जाता है।
ये चिकित्सकीय सत्य है कि अदरक से जी मिचलाना -उलटी-घबराहट में आराम मिलता है।
प्राचीन ग्रीस में इसे हाजमे के लिए नियमित प्रयोग किया जाता था।
अमेरिका की मेरीलैंड यूनिवर्सिटी का कहना है कि गर्भवती महिलाओं को एक ग्राम अदरक रोज एक बार लेने से उबकाई एवं उलटी से आराम मिलता है।
आर्थराइटिस ----जोड़ों के दर्द में यह एक सत्यापित औषधि है ,हल्दी मेथी और अदरक का चूर्ण -उष्ण जल के साथ रोजाना प्रयोग से जोड़ की सूजन -दर्द में आराम मिलता है।
अदरक में एक ऐसा एंजाइम पाया जाता है जो खून में थक्का नहीं जमने देता है -अतः ये ह्रदय रोग और रक्तचाप के रोगियों के लिए उत्तम है।

Tuesday, 10 April 2012

Anxiety- Depression and ASHVAGANDHA

Withania Somnifera--known in India as Ashvagandha is an branching shrub which has fleshy and bulky roots found extensively in Indian Subcontinent since times immerorial.
Ayurvedic ancient text has described it as a general Nerv Rejuvinator and potent Aphrodisiac with Tranquilising properties.
It has been suggested for Ageing persons feeling weakness in day to day life.
Its Anti depressive effects and Mood- Behaviour improving effects are well analysed and time tested.
General Fatigue,Lack of Concentration, has been a prevalent complaint of persons in today's LIFESTYLE.
Ashvagandha is one single herb other than Sarpgandha which has been very effective in treating
anxiety symptoms ,Fatigue symptoms,and Ageing symptoms well in Ayurvedic Formulations.
Many describe this, as a Indian substitute of Ginseng, which has been sung by West for long for its Adaptogenic, Neuroprotective, and Aphrodisiac properties.

Friday, 6 April 2012

Little Knowledge Misleads

One primary hazard related to any one's health is Incomplete Knowledge acquired from society,-Internet-Newspapers---and Subsequently choosing the wrong Doctor.
A Live example, prompting me to write this ----- -A 72 year old Gentleman stated this in my Clinic yesterday--he was feeling NUMBNESS in his Hands and Toes with Frequent Urination for few days and discussed it with his Morning walk Friends and decided to visit a ORTHOPEDIC IAN for consultation-He prescribed him pain killers and Vitamin A&D tablets --Obviously Giving NO RELIEF to his Symptoms.
His son brought him to me -and being a PHYSICIAN ,I gave him a hearing and on those symptoms and my Physical examination,provisionally diagnosed him as a DIABETIC and advised a BloodSugar test --reading was 351 mg/dl and the Diagnosis Confirmed.
Moral of this true story is to convey that ONE should only go to a GENERAL PRACTITIONER or a PHYSICIAN for any body discomfort INSTEAD of rushing to a Specialist or Super Specialist,
who may NOT have time to listen to your problem or ( Unfortunately) has chosen to FORGET his Basic Now ledge and has acquired a NARROW ANGLE monocular vision of HIS speciality Only.
This resposibility should be OUR's not of the Doctor Only.

Friday, 4 September 2009

Swine flu shield

AYURVED Fights---- Swine Flu

Most scaring health problem these days is Swine Flu, not only in India
But Worldwide.

Tulsi (ocimum sanctum) also known as VISHNUPRIYA
Black Pepper
(piper nigrum)
Giloy (tinospora cordifolia-Tinospora Gulancha)

Are the three Ingredients of this Effort for Raising Body Immunity and making it strong enough to fight the Virus affecting the body.
Guduchi(Tinospora cordifolia) -ACTIVATE and ENHANCES W.B.C. activity(the defence force of body)-- making body resistant against Infections.
It acts as a Immunomodulator.
Take 5 leaves of Tulsi and 5 pieces of black pepper and boil these with
about 7-8 inches of a branch (shaft) of Giloy plant after crushing it,(giloy powder is freely available in Ayurvedic Medical Store as sat -giloy or Amrita Satva)added with a cup of water ,
cooled naturally, before drinking it twice daily.
In my Clinical Practice it has proved to be a perfect immunity booster-Platlet count Enhancer- home remedy
for viral infections affecting respiratory tract-- sneezing-cough-fever-malaise-bodyache.

Dr Sudhir Kant Sharma

My photo
Consultant PHYSICIAN Ayurved LifeStyle with a University Degree in Ayurved alongwith Inherited Wisdom of Ayurved for three generations from My Nana ji VAIDYA SHANKARDEV SHARMA,a Graduate of Jaipur State College in 1927,and My Father DR.KAILASH BEHARI SHARMA, A,B.M.S.a postgraduate of B.H.U.(BANARAS HINDU UNIVERSITY)in 1954.In Practice for over 54 yrs now.

Which system of medicine has no after effects

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